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पीओके के पीएम हैदर ने सरेआम इमरान की कश्मीर नीति की हवा निकाली

5 फरवरी को पाकिस्तान कश्मीर दिवस मना रहा था। इसी सिलसिले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री  इमरान नियाजी खान पीओके के एसेंबली में अपनी तकरीर करने गए थे। वहां एसेंबली में पीओके के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने जब अपनी बात रखी  और एक एक कर कश्मीर और पाकिस्तान के अंदरूनी झगड़े पर राजा फारूक ने बोलना  शुरू किया तो इमरान खान बंगले झांकने लगे।

इमरान खान

सबसे पहले तो राजा फारूक हैदर ने यह गिनवाया कि पीओके में आने वाले वे कोई अकेले प्रधानमंत्री नहीं है। राजा फारूक ने गिनवाना शुरू किया कि पाकिस्तान के कश्मीरियों से मिलने आने वाले पाक हुक्मरानों में कायदे आजम  मुहम्मद अली जिन्ना से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की एक लंबी फेहरिस्त है। जिन्ना के अलावा लियाकत अली खान, जेनरल मेहबूब, प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो, उनकी बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, पूर्व राष्ट्र पति जेनरल परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीओके में आने वाले पाक हुक्मरानों ने शामिल हैं । राजा फारूक ने यहां तक कह दिया कि आप (इमरान) तो अभी तक चौथी दफा आए हैं, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीओके में 16 मर्तबा आ चुके हैं।

अपनी कश्मीर नीति को बेहद कामयाब होने का ढ़ोल पीटने वाले इमरान खान को तब धक्का लगा जब राजा फारूक ने कहा कि अमरीका के राष्ट्र पति डोनाल्ड ट्रंप की कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश से इतराने की जरूरत नहीं है। राजा फारूक के शब्द थे- ‘‘ अमरीका खतरनाक है। चीन को बढ़ने से रोकने के लिए ही वह पाकिस्तान के साथ होने का दिखावा कर रहा है। अमरीका हमारा नहीं हो सकता। अमरीकी मध्यस्थता में कोई भी बातचीत हमारे (पाकिस्तान) हक में नहीं हो सकता। फिलस्तीन में उसने मध्यस्थता की, नतीजा क्या हुआ 15 फीसदी जमीन और इजरायल के हक में चला गया। ’

पीओके प्रधानमंत्री राजा फारूक यहीं नहीं रूके। कश्मीर पर एक राय बनाने आए इमरान से उन्होंने कहा -‘‘ पहले पाकिस्तान में नेशनल रिकंसीलिएशन (सुलह) करें। अपना दामन खोले। आपसे अपने भी खफा और पराए भी खफा हैं। टीवी पर चल रहे झगड़े बंद करें। ’’

जब इमरान खान ने बोलना शुरू किया तो उनका पांच मिनट का समय यह बताने में गया कि वह कितने अच्छे डेमोक्रेट हैं। उन्होंने पीओके के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर से मुखातिब होते हुए कहा‘ कृपया मुझे करप्ट लोगों से मेलजोल के लिए ना कहें। क्योंकि पाकिस्तान को लूटने वाले लोगों से मैं कभी मेल जोल नहीं करूंगा। फिर इमरान खान ने गिनवाया कि चीन ने किस तरह पिठले पांच साल में 450 वजीरों को करप्शन के केस में जेल में डवला दिया है। वह भी उसी के कदम पर चल रहे हैं। इमरान ने यह भी दावा किया कि उनके कारण ही वर्ल्ड मीडिया और लीडर अब पाकिस्तान के पक्ष को सुन रहे हैं और पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 5 अगस्त 2019 को भारत द्वारा कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद विश्व भर में भारत की कारगुजारियों पर चर्चा होने लगी है। न्यूयार्क टाइम्स जैसे अखबार अब भारत के खिलाफ लिखने लगे हैं। द इकानोमिस्ट ने भारत के बारे में कवर पेज पर लिखा इनटोलरेंट इंडिया। इमरान ने पीओके एसेंबली को भ्रमित करने की कोशिश की कि अब जल्दी ही कश्मीर भारत से आजाद हो जाएगा। और भारत में मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन होगा।

IIW

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