मालूम हो कि जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन काल में 2007 में इसी मौलाना और उनके आतंकवादी समर्थकों के खिलाफ एक सैन्य ऑपरेशन हुआ था जिसमें कम से कम 1000 लोगों के मारे जाने की खबर थी। हालांकि पाकिस्तान की सरकार ने उस समय मरने वालों की संख्या 300 बताई थी। मौलाना अजीज यह दावा करते हैं कि उनका मासिक खर्च, 15 करोड़ रुपये से अधिक है जो पाकिस्तान और बाहर के मुल्क में बसे लोगों से प्राप्त करता है। मौलाना अजीज पर चीनी लोगों के अपहरण, हत्या और आतंवादी संगठन चलाने का मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में उसे सबूत ना मिलने के कारण छोड़ दिया गया था।
डाॅन अखबार के अनुसार ई 7 मदरसे में कल रात मौलाना अब्दुल अजीज और उसकी पत्नी जामिया फरीदा ने जबरन घुसपैठ कर अपना डेरा जमा लिया है। आज सुबह की नमाज भी उसी मौलाना ने वहां अता कराई और ऐलान कर दिया कि मदरसे के प्रींसिपल मौलाना अब्दुल गफ्फार को बर्खास्त कर दिया गया है। डाॅन के अनुसार हालांकि मौलाना गफ्फार मदरसे में ही मौजूद अपने कमरे में थे लेकिन डर के मारे वह बाहर नहीं निकले। दोपहर होते होते वहां लोग जमा हो गए और हंगामा करने लगे।
डाॅन ने इस्लामाबाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा है कि ई-7 मदरसे के आस पास काफी संख्या में पुलिस व सुरक्षा बल के जवान, जिसमें काउंटर टेररिज्म फोर्स, एंटी टेररिज्म स्काॅवयड और एंटी राॅयट यूनिट सम्मिलित हैं, लगा दिए गए हैं
इस मौलाना पर कार्रवाई करने के बजाय डिप्टी कमिश्नर लेबल का अधिकारी उससे सौदेबाजी कर रहा है। डाॅन के अनुसार ई-7 मदरसे में मौलाना और उसके परिवार के अलावा 50 और भी लोग घुंस आए हैं। मौलाना अब्दुल अजीज के समर्थकों का कहना है कि इमरान सरकार उनके अधिकार को खत्म कर इस मदरसे को अपने कब्जे में लेना चाहती है जो वह नहीं होने देंगे।