IIW(TEAM), 13, JUNE, 2020
इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है। कोरोना वायरस के चलते पाकिस्तान और अधिक कर्जे में डूब गया है। उसके बावजूद 12 जून को पेश बजट में पाकिस्तान ने अपना रक्षा बजट 11. 9 प्रतिशत बढ़ा दिया है। जबकि इसके पहले पाकिस्तान सरकार ने यह ऐलान किया था कि इस साल कोई भी खर्च बढ़ाया नहीं जाएगा।
क्या कारण है कि पाकिस्तानी की जीडीपी में कमी के बावजूद रक्षा बजट बढ़ाया गया है। उसका सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान का भारत से डर है। यही कारण है कि 2019-20 के 1,152 अरब रूपये के रक्षा बजट को 2020-21 में बढ़ाकर 1,289 अरब रूपये कर दिया गया है। पिछले साल के मुकाबले यह 11.9 प्रतिशत अधिक है। लेकिन यदि संशोधित रक्षा बजट से इसकी तुलना करें तो यह 5 प्रतिशत अधिक है।
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून का कहना है कि पाकिस्तान के रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा भारत के साथ चल रहे टकराव या संभावित युद्ध की तैयारी पर खर्च होगा। पुलवामा हमले के बाद जिस तरह से भारत एग्रेसिव रूख अपनाए हुए है, उससे पाकिस्तान को यह आशंका रहती है, कि भारत पाकिस्तान पर कभी भी हमला कर सकता है।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 के हटाए जाने और पाकिस्तान के कब्जे के कश्मीर को भारत में मिलाने के प्रस्ताव संसद में पास होने के बाद से ही पाकिस्तान इस दहशत में है कि भारत पीओके पर हमला ना कर दे।
भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को भरपूर चेतावनी दे दी है कि यदि वह भारत के खिलाफ अपने मंसूबे बंद नहीं करता तो भारत कहीं भी और कभी भी पाकिस्तान को मजा चखा सकता है। पाकिस्तान का अखबार लिखता है कि उसके एयरफोर्स को और मजबूत किया जा रहा है।
पाकिस्तान यह भी जानता है कि भले ही वह अपने रक्षा बजट में 11 प्रतिशत का वृद्धि कर दिया हो, लेकिन वह भारत का मुकाबला नहीं कर सकता। अमेरिका और चीन के बाद भारत पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा डिफेंस बजट वाला देश है। भारत का रक्षा बजट लगभग पाकिस्तान के पूरे बजट के बराबर है। भारत प्रति सैनिक सालाना लगभग 18,000 डाॅलर खर्च करता है जबकि पाकिस्तान सिर्फ 9,000 डाॅलर।