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ड्रैगन की चेतावनी: अमेरिका का साथ दिया तो भारत को बर्बाद कर देंगे

BIKRAM UPADHYAY(IIW) 31 May, 2020

चीन ने सीधे भारत को चेतावनी दी है कि यदि नई दिल्ली किसी लाभ के लिए चीन के खिलाफ अमेरिका का साथ देता है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। चीन की सत्ताधारी पार्टी के मुख्य पत्र ग्लोबल टाइम्स ने 31 मई को प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा है कि भारत में कुछ राष्ट्रवादी यह सलाह दे रहे हैं कि चीन और अमेरिका के बीच चल रहे युद्ध में भारत को कोई भूमिका निभानी चाहिए और इसमें अमेरिका का साथ देना चाहिए। अखबार का कहना है कि राष्ट्रवादियों की यह सोंच सही नहीं है। भारत को अमेरिका का साथ देने में कुछ भी प्राप्त नहीं होगा, उल्टे चीन के साथ संबंध खराब होंगे। अखबार ने यह धमकी दी है कि राजनीतिक दृष्टिकोण से दिए गए इस सुझाव का परिणाम बड़े आर्थिक नुकसान के रूप में हो सकता है।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिका के साथ चीन का विवाद कई मुद्दों पर चल रहा है। कुछ लोग यह अंदाज लगा रहे हैं कि विश्व के दो बड़े आर्थिक महा शक्तियों के बीच शीत युद्ध शुरू हो चुका है। ऐसे में भारत के लिए यही सलाह है कि वह चीन-अमेरिका दुश्मनी से दूर रहे।

चीन का कहना है कि भारत में इस समय राष्ट्रवादी विचार चरम पर है। कुछ लोग भारत सरकार को यह सलाह दे रहे हैं इस शीत युद्ध में भारत भी सम्मिलित होकर अमेरिका का साथ दे और परिस्थितियों का लाभ उठाए। चीनी अखबार चेतावनी भरे लहजे में लिखता है कि इस तरह के विचार भ्रामक हैं। भारत यदि इसमें शामिल होता है उसे कुछ भी हासिल नहीं होगा, बल्कि उसे लाभ के बजाय नुकसान ही होगा। इस अखबार ने मोदी सरकार को सलाह दी है कि वह इस क्षेत्र के भूराजनीतिक घटनाओं पर तटस्थता और तार्किकता बरकरार रखे। वर्तमान परिस्थितियों में भारत को सावधान रहने की जरूरत है ना कि चीन के साथ किसी भी मुद्दे पर अमेरिका के साथ खड़े होना चाहिए। नहीं तो भारत के लिए गंभीर परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है।

चीन ने मौजूदा सीमा विवाद के बारे में कहा है कि अमेरिका की मध्यस्थता दोनों देशों के लिए अंतिम विकल्प है। अखबार का कहना है कि भारत और चीन अपने मुद्दे आपस में मिलकर सुलझा सकते हैं। अखबार ने यह भी कहा है कि यदि भारत किसी भी रूप में अमेरिका का साथ देता है तो भारत और चीन के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों पर बहुत बड़ा आघात होगा और ताजा हालात में भारत के लिए उसे संभालना आसान नहीं होगा।

अंत में ग्लोबल टाइम्स यह भी लिखता है कि भारत के साथ सहयोग के चीन के रवैये में अभी कोई बदलाव नहीं आया है। चीन अभी भी भारत को लाॅक डाउन खत्म होने के बाद की आर्थिक गतिविधियों को चलाने में मदद के लिए तैयार है। चीन ऐसी हालत में भारत को नहीं धकेलना चाहता जहां राजनीतिक लाभ के लिए उठाए गए कदम का परिणाम आर्थिक बर्बादी के रूप में मिले। इसलिए भारत को चीन-अमेरिका संग्राम से दूर ही रहना चाहिए।

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