प्रधानमंत्री मोदी के आलोचकों को बजट में करारा जवाब मिला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन सभी सवालों का जवाब दियाजो विपक्ष लगातार उठाता आ रहा था। चाहे वह कृषि के क्षेत्र में हो,या आम आदमी से जुड़ा हो। उद्योग या निर्यात की बात हो या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की बात। रोजगार के मुद्दे पर भी इस बजट में काफी जोड़ दिया गया है। नौकरियों के अवसर के साथ
साथ उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
़ किसानों के लिए पिटारा खुला
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कर कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों कीह आय दुगना बढ़ाने के प्रति सरकार पूरी तरह गंभीर है। सरकार का ध्यान उन 611 करोड़ किसानों पर है जो
खेती से सीधे जुड़े हैं। इसके लिए वित्त मंत्री ने 16 एक्शन पॉइंट्स बताए। जिनके लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है। इसमें कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये और ग्रामीण विकास और पंचायती राज के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये।
यही नहीं 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन का लक्ष्य तय किया गया हैं । पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाने का प्रस्ताव है। जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिए वृहद उपायों का भी प्रस्ताव किया गया है। प्रधानमंत्री का मानना है कि सिर्फ अनाज के उत्पादन से ही किसानों की आय दुगनी नहीं होगी इसके लिए कृषि से जुड़े अन्य गतिविधियों को भी बढ़ावा देना पड़ेगा। उनमें ही एक है नीली अर्थव्यवस्था। बजट में 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना प्रधानमंत्री का सपना है उनके इस सपने को साकार करने के कई प्रावधान इस बजट में किए गए हैं जैसे किसान रेल – सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू किया जाएगा। दूध, मांस और मछली आदि जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटी वाले रेल वैगन तैयार किए जाएंगे।
रेल के साथ साथ कृषि उड़ान योजना भी शुरू की जाएगी। नागरिकउड्डयन मंत्रालय द्वारा कृषि उड़ान योजना की शुरूआत होगी।राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों हवाई मार्गों पर इस सेवा का संचालन होगा। किसानों को बिजली ग्रीड से जोड़ने की योजना भी इस बजट के जरिए सामने आई है।
पीएम-कुसुम का विस्तार योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में मदद दी जाएगी और 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सैटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद प्रदान किया जाएगा। किसानों को अपनी खाली या बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद की भी योजना है।
हर करदाता इस बजट से लाभान्वित
वित्तमंत्री ने माना कि मिडिल क्लाॅस को खर्च योग्य आमदनी ज्यादा होगी तो विकास भी ज्यादा होगा इसके लिए उन्होंने प्रत्यक्ष करों में कमी की बड़ी घोषणा की है। नई टैक्स दरों से 15 लाखसालाना तक आय वालों को 78 हजार रुपए का फायदा होगा।
‘पिछले अंतरिम बजट में 5 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स फ्री किया था। अभी भी 5 लाख रुपए तक की इनकम वालों को पुरानी की तरह नई व्यवस्था में भी टैक्स नहीं देना होगा।
नई व्यवस्था के तहत 5 से 7.5 लाख रुपए की इनकम वालों को अभी 20 प्रतिशत कर देना होता है, उसे अब 10प्रतिशत ही देना होगा। 7.5 से 10 लाख रुपए की इनकम पर 20 प्रतिशत की जगह 15 प्रतिशत कर देना होगा। 10 लाख से 12.5 लाख रुपए की इनकमपर अभी प्रतिशत कर है, इसे घटाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा।
12.5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए तक इनकम पर अभी 30 प्रतिशत कर है, इन्हें 25 प्रतिशत ही कर देना होगा। 15 लाख रुपए से ज्यादा इनकम वालों पर 30 प्रतिशत टैक्स जारीरहेगा। 15 लाख सालाना आय वाले अगर कोई डिडक्शन नहीं लेतेतो उन्हें 2.73 लाख की बजाय 1.95 लाख टैक्स चुकाना होगा।’’इनकम टैक्स की नई दरें वैकल्पिक होंगी। करदाता को पुरानी और नई व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा।आम आदमी का बैंकों में विश्वास बढ़े इसके लिए 5 लाख रुपए तक की जमा रकम को बीमा सुरक्षा प्रदान कर दिया गया है।
महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए
6 लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 10 करोड़ घरों की महिलाओं तक पहुंचने के लिए स्मार्टफोन दिए गए हैं। वे पोषण आहार से जुड़ी जानकारी जुटा रही हैं। महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर 28,600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। एजुकेशन सेक्टर के लिए 99,300 करोड़ रुपए बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम को एशियाई और अफ्रीकी देशों में बढ़ावा दिया जाएगा। 99,300 करोड़ रुपए एजुकेशन सेक्टर पर खर्च होंगे। जल्द ही नई शिक्षा नीति घोषित होगी।
हेल्थ सेक्टर के लिए 69,000 करोड़ रुपए
मेडिकल डिवाइसेस पर लगने वाले टैक्स का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने में किया जाएगा। 2025 तक टीबी खत्म करने का लक्ष्य है। जन औषधि केंद्रों को 2024 तक हर जिले में शुरू
किया जाएगा। 69 हजार करोड़ रुपए हेल्थ सेक्टर के लिए रखे गए हैं।