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वित्तमंत्री ने आर्थिक पैकेज में दिया हर क्षेत्र को पैसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का विस्तृत विवरण आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था का पहिया चलाने और भारत को दुनिया का प्रोडक्शन हब बनाने के लिए सबसे जरूरी एमएसएमई क्षेत्र के लिए कई सहूलियतों एवं सहायता की घोषणा की । देश को आत्मनिर्भर बनाने में यह क्षेत्र सक्षम हो सकता है। एमएसएमई के अलावा, रियल स्टेट, बिजली और कुछ के लिए भी बड़े प्रावधान किए गए हैं ।

वित्त मंत्री ने सबसे अधिक सूक्ष्म ,लघु और मझौले उद्योगों के लिए सरकार की प्राथमिकताएं सामने रखी। वित्त मंत्री ने कहा इस क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रुपए की ऋण राशि उपलब्ध होगी, जिसके लिए इकाइयों को ना तो कोई कोलेटरल देना पड़ेगा, नहीं कोई गारंटी देनी पड़ेगी । स्पष्ट है कि बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये की गारंटी खुद सरकार दे रही है ।

यही नहीं एमएसएमई के लिए बड़ी मार्केट बनाने और उनका आकार विस्तृत करने के उपायों की भी घोषणा की। अभी तक ₹25 लाख तक के निवेश और एक करोड़ तक के कारोबार वाली इकाई को सूक्ष्म क्षेत्र की इकाई माना जाता था । अब सरकार ने उसे बढ़ाकर एक करोड़ पर तक का निवेश और 5 करोड़ पर तक के कारोबार को सूक्ष्म इकाई के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है। इसी तरह लघु उद्योग भी अब अपना दायरा बढ़ा सकते हैं । 5 करोड़ के निवेश और 25 करोड़ के कारोबार करने वाली इकाई लघु उद्योग की इकाई मानी जाएंगी । अभी तक यह सीमा एक करोड़ 5 करोड़ थी । मझौले उद्योगों को भी 20 करोड़ की निवेश राशि और 100 करोड़ पर तक के कारोबार की सीमा दी गई है । सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को नए विस्तृत आकार देने के कारण इनके लिए जारी सहूलियतें एवं बैंक लोन की अहर्ता भी बढ़ जाएगी। सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया और 200 करोड़ तक के प्रोक्योरमेंट टेंडर को ग्लोबल टेंडर की सूची से बाहर कर दिया ।

इसका सीधा सा अर्थ यह हुआ कि अब एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियां ₹200 करोड़ रुपये तक के किसी भी प्रोक्योरमेंट के टेंडर में हिस्सा ले सकती हैं । अर्थात घरेलू उत्पादन को एक बहुत बड़ा बाजार सरकार उपलब्ध कराने जा रही है।

वित्त मंत्री ने पैसा अधिक से अधिक नियोक्ता और कर्मचारियों के पास रहे इसके लिए कई कदमों की घोषणा की । सबसे पहले सरकार ने 100 कर्मचारियों तक की इकाइयों में कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ अंशदान अगस्त तक देने की घोषणा की । यही नहीं बड़ी सरकारी कंपनियों मैं कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए भी पीएफ अंशदान राशि 12% से घटाकर 10% कर दी है ।

जिन लोगों ने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किए हैं उन्हें नवंबर तक रिटर्न फाइल करने की सहूलियत दे दी गई है । 5 लाख तक के सभी टैक्स रिफंड जारी कर दिए गए हैं ।बाकी भी तेजी से रिफंड किए जा रहे हैं।

बिजली कंपनियों की माली हालात खराब होने के कारण कई कंपनियां बंद होने के कगार पर हैं । सरकार ने आज उनके लिए भी 90 हजार करोड़ रुपये के पैकेज जारी कर दिए। टीडीएस की राशि में 25% की छूट दे दी गई है ।

रियल एस्टेट पहले से ही समस्याओं से घिरा पड़ा है। इस पैकेज में देशभर के रियल एस्टेट कारोबारियों को प्रोजेक्ट कंप्लीट करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय दे दिया गया है । इसके लिए अलग से आवेदन देने की आवश्यकता नहीं है।

BIKRAM UPADHYAY
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