यूरोप में इस्लामोफोबिक घटनाएं
भारत के संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ यूरोपीय संसद के कुछ सदस्यों द्वारा एक प्रस्ताव
पेश किया जा रहा है। जिस पर बहस और मतदान होने की भी बात कही जा रही है। भारत जैसे देश में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए सांसदों के अधिकारों एवं प्रभुत्व पर यह सीधा हमला है। सीएए भारत का अंदरूनी मामला है। खुद पूरा यूरोप मुस्लिम फोबिया से ग्रसित है। ऐसे में भारत में पूरे नागरिकअधिकारों के साथ रह रहे मुस्लिमों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने के बजाय यूरोप को अपनी इन गतिविधियों में सुधार करना चाहिए। प्रस्तुत है यूरोप में इस्लाम को हौव्वा बताने वाली कुछ घटनाओं का विवरण।
# जर्मनी में, जर्मन मुसलमानों पर 678 हमले हुए, जिनमें मस्जिदों पर 40 हमले भी शामिल थे। रिपोर्ट केअनुसार, शरणार्थियों पर 1,775 हमले, शरण घरों पर 173, और जर्मनी में सहायताकर्मियों पर 95 हमले हुए।
# 2018 में बेल्जियम में इस्लामोफोबिक घटनाओं के लगभग 70 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 76 महिलाओं को निशाना बनाया गया
# ऑस्ट्रिया में 2018 में इस्लामोफोबिक घटनाओं के 540 मामले दर्ज किए गए । लगभग 74 मामले तो मुस्लिम-विरोधी नस्लवादी गतिविधियों के थे।
# फ्रांस में 2017 के मुकाबजे 2018 में इस्लामोफोबिक घटनाओं 52 प्रति शत की वृद्धि हुई। मुसलमानों के खिलाफ 676 घटनाओं को दर्ज किया गया। इन 676 घटनाओं में, 20 में शारीरिक हमले , 568 भेदभाव और 88 में घृणास्पद भाषण शामिल थे।
# नीदरलैंड में, धार्मिक भेदभाव की कुल 151 घटनाओं में से 91 प्रतिषत मामले वहां की पुलिस ने मुसलमानों के
खिलाफ दर्ज किए थे।
Ankara-based think tank releases report, underlines dynamics that support
Islamophobia in Europe