इरान ने राउल्ला जैम नाम के एक पत्रकार को फांसी पर चढ़ा दी है। जैम पर इरान ने आरोप लगाया था कि अमाद न्यूज नाम से न्यूज पोर्टल चलाने वाले जैम इरान के खिलाफ काम कर रहा था। जैम पर यह आरोप लगाया गया कि वह इजरायल और अमेरिका के लिए काम करता था और खूफिया रिपोर्ट इन देशों को भेज रहा था। जैम को इसके पहले कई महीने तक जेल में रखा गया था। जैम पर इस साल फरवरी से मुकदमा चल रहा था। जैम मूलतः फ्रांस का रहने वाला था।
खबरों के अनुसार राउल्ला जैम को इराक में उस समय पकड़ा गया जब वह किसी खबर के सिलसिले में वहां गया था। जैम की पत्नी के अनुसार उसे फंसाने के लिए जाल बुना गया और उसे खबर देने का लालच देकर इराक बुलाया गया और वहां इराकी सैनिकों ने उसे गिरफ्तार कर इरान के रिवोल्यूशनरी गाड्र्स काॅप्र्स को सौंप दिया।
जैम को पिछले शनिवार को इरान में फंासी दे दी गई। एक पत्रकार की इस तरह की सजा से पूरा यूरोपीयन यूनियन इरान के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है। एक बयान में कहा गया है कि यूरेपीयन यूनियन जैम को इस तरह से लटकाने का कड़ा विरोध करता है और यह मांग करता है कि इरान इस तरह से किसी का टेलीविजन पर गुनाह कबूल करवाकर सजा देने से बचे। किसी भी आरोपी को उसके पूरे कानूनी हक को बहाल करे। उल्लेखनीय है कि जैम को फांसी देने से 10 दिन पहले इरान ने अपने सरकारी चैनल पर उसका एक इंटरव्यू प्रसारित किया था, जिसमें उसे यह कहते हुए दिखाया गया था कि वह इरान के खिलाफ जासूसी और भ्रष्टाचार का दोषी है। मीडिया वाच डॉग आर्गेनाईजेशन ने भी इस तरह के टेलीविजन इंटरव्यू के जरिए अपने करतूत छुपाने के लिए इरान की कड़ी आलोचना की है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी जैम की फांसी पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा है कि एक पत्रकार को इरान द्वारा इस तरह से फांसी दिया जानना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहुत बड़ा कुठाराघात है। यह इरान द्वारा अपने विरोधियों के मन में खौफ भरने की कोशिश है। इरान ने जिस तरह से जैम को फांसी देने की जल्दी दिखाई, उससे यह स्पष्ट होता है कि इरान मानवाधिकारों को कोई उसकी जान बचाने के लिए किसी अभियान के लिए अवसर नहीं देना चाहता था। जैम की वेब साइट अमाद न्यूज के दस लाख फॅालोअर थे।
जैम की फांसी पर जिस तरह से यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया आई है उससे लगता है कि इरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इस बात की भी खबर है कि ब्रिटेन इरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकवादी संगठन घोषित करने का प्रस्ताव ला सकता है। ब्रिटेन का मानना है कि रिवोल्यूशनरी गार्ड्स आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने, नाॅन स्टेट एक्टर्स को खड़ा करने और हथियारों की अवैध आपूर्ति में शामिल हैं।