दिव्यांगों के लिए सरकार ही योजना बनाती है तथा उनकी मदद करती है लेकिन अब निजी क्षेत्र भी इसमें हाथ बंटाने को आगे आया है। इसी कड़ी में डिजीविद्यापीठ ने दिव्यांगों को अपने कौशल विकास के कोर्स निशुल्क कराने का ऐलान किया है। मकसद यह है कि वे इन कोर्स को करने के बाद अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
डिजीविद्यापीठ के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप खत्री ने कहा कि डिजीविद्यापीठ के हर कोर्स के हर बैच में दस सीटें दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित रहेंगी। उन्हें किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि आज दिव्यांग जनों को असल जरूरत उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की है। यह तभी संभव होगा जब उन्हें उनकी क्षमता के अनुसार कोई कौशल विकास का कोर्स कराया जाए ताकि वह कोई कामकाज शुरू कर सकें। इसी सोच के साथ डिजीविद्यापीठ ने यह पहल की है।
डिजीविद्यालय पीठ कौशल विकास कोर्स चलाने वाला एक आनलाइन शैक्षणिक प्लेटफार्म है। जो लोगों को उनकी क्षमता और रुचि के हिसाब से आनलाइन कोर्स कराता है। इसलिए दिव्यांगजनों के लिए यह बेहद उपयोगी है क्योंकि वे घर बैठे अपनी क्षमता के मुताबिक बिना किसी शुल्क के ये कोर्स कर सकेंगे।