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कश्मीर पर ब्रिटिश लेबर पार्टी भारत के साथ

पाकिस्तान तिलमिलाया

ब्रिटिश पार्लियामेंट में विपक्ष के नेता और ब्रिटिश लेबर पार्टी के प्रमुख सर  कीर स्टारमर ने कश्मीर पर भारतीय रुख का भरपूर समर्थन किया है।

30 अप्रैल को लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया की एग्जीक्यूटिव टीम के साथ एक मीटिंग में सर कीर ने कहा कि मैं लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के साथ गहरे रूप से जुड़कर काम करने के लिए वचनबद्ध हूं , हमें यहां किसी भी ऐसे मुद्दे को हवा नहीं देनी है, जिससे समुदायों के बीच में कोई द्वेष फैले। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत का कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद  ही सुलझा सकता है और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है। सर कीर ने इससे भी आगे बढ़कर यह विश्वास दिलाया कि यदि अगले चुनाव में उनके नेतृत्व में लेबर पार्टी की सरकार बनती है तो भारतीयों के साथ और अधिक गहरे संबंध स्थापित करेंगे और भारत के साथ मिलकर प्रमुख मुद्दे ,जिसमें क्लाइमेट चेंज भी होगा, पर  सांझे  रूप से काम करेंगे । उन्होंने कहा कि वह भारतीय हाई कमिश्नर से मीटिंग के लिए आशान्वित हैं और लेबर पार्टी तथा भारत के लोगों के साथ लगातार वार्ता के लिए हामी हैं ।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के चुनाव में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । वहां भारतीय मूल के लोगों की संख्या 15 लाख से अधिक है । भारत  के लिए लेबर पार्टी का यह नया रूख बहुत ही स्वागत योग्य है , क्योंकि गाहे-बगाहे ब्रिटिश लेबर पार्टी कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करती रही है। इसके पहले ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों के साथ ब्रिटिश लेबर पार्टी की दूरी तक बढ़ गई थी जब उस समय के लेबर पार्टी के प्रमुख जेरेमी ने कश्मीर  से धारा 370 हटाने  की आलोचना की थी । लेबर पार्टी ने 2019 में एक प्रस्ताव पारित कर कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र बताया था और इसे संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सुलझाने की बात की थी । तब लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया ने इसकी खूब आलोचना की थी और अपनी आपत्ति भी दर्ज की थी । ब्रिटिश लेबर पार्टी के प्रमुख द्वारा इस समय  कश्मीर पर भारतीय पक्ष की वकालत मोदी सरकार की कूटनीति की जबरदस्त  सफलता है।

पाकिस्तानी खेमा पूरी तरह से बिलबिला गया है ।तहरीक ए कश्मीर के यूके प्रेसिडेंट  राजा फहीम कयानी ने गंभीर आपत्ति जताई है । उन्होंने अपने बयान में कहा है  सर कीर स्टारमर ने कश्मीर पर भारतीय रूख का समर्थन कर भारी गलती की है। उसने यहां तक कहा कि ब्रिटेन में बसे लगभग 15 लाख  मुसलमान उनके इस फैसले से लेबर पार्टी के खिलाफ जा सकते हैं। राजा फहीम  ने कहा कि 20 साल पहले भी तब के लेबर पार्टी के विदेश मंत्री रोबिन कुक ने भी ऐसा ही कहा था और सर कीर ने भी वही गलती दोहराई है । पाकिस्तान के समर्थन में लेबर पार्टी के मुस्लिम प्रतिनिधियों ने लेबर पार्टी छोड़ने तक की धमकी देनी चाहिए । लेकिन बाद में पार्टी के अंदर रहकर ही इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ने की सहमति बनाई गई।  कुछ पाकिस्तान समर्थित लेबर नेताओं ने सर कीर  से इस्तीफे तक की मांग कर डाली  ।

ब्रिटेन में अगला इलेक्शन 2024 में होने वाला है जाहिर है ब्रिटिश लेबर पार्टी का यह रुख चुनाव  में तत्काल लाभ के लिए नहीं है । ब्रिटेन में  पिछला चुनाव 2019 में हुआ , जिसमें बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में कंजरवेटिव पार्टी ने 365 सीटें जीतकर सरकार बनाई है ।सर कीर स्टारमर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी को 202 सीटें मिली थी ।

भारत और पाकिस्तान  मूल के लोग ब्रिटेन की राजनीति में काफी सक्रिय रूप से भाग भी लेते हैं। मौजूदा समय में ब्रिटिश पार्लियामेंट में भारतीय मूल के लगभग 15 मेंबर ऑफ पार्लियामेंट जीत कर आए हैं । लगभग इतने ही एमपी पाकिस्तानी मूल के भी हैं।

भारत के लिए खुशी की बात है कि  सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी भी भारत सरकार के काफी करीब है । 2019 के  दिसंबर में हुए चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध स्थापित करने की बात कही थी । अब जबकि ब्रिटेन की दोनों प्रमुख पार्टियां भारत के साथ दिख रही हैं ऐसे में पाकिस्तान का तिलमिलाना स्वभाविक ही है।

  BIKRAM UPADHYAY
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