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एक मौलाना के आगे पस्त पाकिस्तान

क्या कोई मौलाना एक बार नहीं कई बार किसी देश को अपने कदमों में झुका सकता है। पाकिस्तान में ऐसा ही हो रहा है। एक मौलाना है अब्दुल अजीज वे न सिर्फ जब जी चाहे सरे आम मदरसों पर कब्ज़ा कर लेते हैं, बल्कि वे पाकिस्तान की पुलिस और यहां तक कि पाकिस्तान की फौज से भी लोहा ले लेते हैं। उनके गुर्गों और पाकिस्तानी पुलिस व सेना के बीच खुली लड़ाई में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। यह वहीं मौलाना अब्दुल अजीज है जिसने मुशर्रफ के जमाने में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। इसके लश्कर और फौज के बीच डायरेक्ट लड़ाई में कम से कम एक हजार लोग मारे गए थे।

उसी मौलाना अब्दुल अजीज ने 6 जुलाई की आधी रात को फिर से एक मदरसे पर कब्ज़ा कर लिया और हमेशा की तरह पाकिस्तान की पुलिस बाहर कंटीली तार डाली कर बैठी है। मदरसे में जाने की हिम्मत नहीं कर रही है।

मालूम हो कि जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन काल में 2007 में इसी मौलाना और उनके आतंकवादी समर्थकों के खिलाफ एक सैन्य ऑपरेशन हुआ था जिसमें कम से कम 1000 लोगों के मारे जाने की खबर थी। हालांकि पाकिस्तान की सरकार ने उस समय मरने वालों की संख्या 300 बताई थी। मौलाना अजीज यह दावा करते हैं कि उनका मासिक खर्च, 15 करोड़ रुपये से अधिक है जो पाकिस्तान और बाहर के मुल्क में बसे लोगों से प्राप्त करता है। मौलाना अजीज पर चीनी लोगों के अपहरण, हत्या और आतंवादी संगठन चलाने का मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में उसे सबूत ना मिलने के कारण छोड़ दिया गया था।

डाॅन अखबार के अनुसार ई 7 मदरसे में कल रात मौलाना अब्दुल अजीज और उसकी पत्नी जामिया फरीदा ने जबरन घुसपैठ कर अपना डेरा जमा लिया है। आज सुबह की नमाज भी उसी मौलाना ने वहां अता कराई और ऐलान कर दिया कि मदरसे के प्रींसिपल मौलाना अब्दुल गफ्फार को बर्खास्त कर दिया गया है। डाॅन के अनुसार हालांकि मौलाना गफ्फार मदरसे में ही मौजूद अपने कमरे में थे लेकिन डर के मारे वह बाहर नहीं निकले। दोपहर होते होते वहां लोग जमा हो गए और हंगामा करने लगे।

 पुलिस ने 7 मदरसे की ओर जाने वाली सड़क पर कांटेदार तार लगाकर उसे जाम कर दिया है। हालांकि मदरसे में कोरोना के कारण काफी कम  शागिर्द  हैं, फिर भी किसी खून खराबे की आशंका बनी हुई है। हालांकि इस्लामाबाद सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के साथ एक समझौते के अनुसार मौलाना अब्दुल अजीज  इस मदरसे या लाल मस्जिद  में नहीं घुंस सकते, लेकिन यह मौलाना अभी तक किसी भी पाकिस्तान के कानून को मानता दिखाई नहीं दिया।
डाॅन ने इस्लामाबाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा है कि ई-7 मदरसे के आस पास काफी संख्या में पुलिस व सुरक्षा बल के जवान, जिसमें काउंटर टेररिज्म फोर्स, एंटी टेररिज्म स्काॅवयड और एंटी राॅयट यूनिट सम्मिलित हैं, लगा दिए गए हैं
इस मौलाना पर कार्रवाई करने के बजाय डिप्टी कमिश्नर लेबल का अधिकारी उससे सौदेबाजी कर रहा है। डाॅन के अनुसार ई-7 मदरसे में मौलाना और उसके परिवार के अलावा 50 और भी लोग घुंस आए हैं। मौलाना अब्दुल अजीज  के समर्थकों का कहना है कि इमरान सरकार उनके अधिकार को खत्म कर इस मदरसे को अपने कब्जे में लेना चाहती है जो वह नहीं होने देंगे।
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