पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान यह जताने में लगे हैं कि वह अकेले शख्स हैं जो पाकिस्तान को हर मुसीबत से बाहर निकाल सकते हैं। वह किसी भी हाल में वहां के विपक्षी नेताओं का सहयोग नहीं लेना चाहते हैं । इसका फायदा उनको कितना हुआ यह तो इमरान ही जाने , लेकिन नुकसान पाकिस्तान को जबरदस्त हुआ है।
बृहस्पतिवार को इमरान ने कोरोना से लड़ने के लिए बनाए पीएम फंड में पैसा देने के लिए पूरी दुनिया में बसे पाकिस्तानियों का आह्वान किया।
उन्होंने फंड कलेक्शन के लिए प्रधानमंत्री आवास में 3 घंटे का एक एहसास टेलिथाॅन कार्यक्रम करवाया, इसमें दुनिया भर में बसे पाकिस्तान के नागरिक पीएम से बात कर सकते थे, और कोरोना से रिलीफ के लिए डोनेशन दे सकते थे। इस कार्यक्रम में ₹20 तक भी सहायता राशि दी जा सकती थी, लेकिन अफसोस कि 3 घंटे के अथक प्रयास के बाद भी लोगों ने इमरान का भरोसा नहीं किया और महज ₹55 करोड़ जुटाए जा सके।
जबकि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर अरबों रुपये का फ॔ड आ गया ।इमरान के टेलिथाॅन प्रोग्राम का काफी जोर-शोर से प्रचार किया गया था ।पाकिस्तानी मीडिया के लगभग सभी बड़े नाम आमंत्रित थे। भाग लेने वालों में प्रमुख पत्रकार मोहम्मद मलिक , जिओ न्यूज़ के हामिद मीर ,नदीम मलिक ,काशिफ अब्बासी, कामरान शाहिद और काशिफ अब्बासी शामिल थे ।कार्यक्रम का संचालन मुनीब मजारी और शिफा यूसुफजई ने किया ।अपनी तरफ से इमरान खान ने लोगों को समझाने की कोशिश कि कोरोना जैसी महामारी से सभी लोग मिलकर ही लड़ सकते हैं। इसलिए पीएम केयर फंड में अधिक से अधिक लोग सहयोग करें, लेकिन इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री से सारे सवाल उनके व्यक्तिगत उपलब्धियों पर ही पूछा गया । मसलन एक पत्रकार ने पूछा कि आप जकात देते रहे हैं ।आपकी मां के देहांत के बाद शायद आपने शेयर बाजार ने पैसे लगा दिए और वे पैसे डूब गए ,तब जाकर आपको इल्म आया कि कमाई का कुछ हिस्सा लोगों की सेवा में लगाना चाहिए। इमरान ने अपनी दरियादिली के बारे में खूब बातें शेयर की ।उन्होंने बताया कि किस तरह लोगों से पैसे लेकर उन्होंने शौकत खानम हॉस्पिटल बनवाया । जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि जब देश के हर तबके को कोरोना से लड़ने में साथ आने को कह रहे हैं तो अपोजीशन को क्यों नहीं आमंत्रित करते । इमरान खान ने बड़े ही मजाकिया शब्दों में कहा कि मैं उनको लूंगा तो डोनेशन और कम हो जाएंगे । इमरान ने बातों-बातों में शर्त रखी कि जब तक विपक्ष के नेता बाहर के मुल्कों में जमा किए अपने करोड़ों लेकर पाकिस्तान नहीं आते तब तक वह किसी को भी अपने साथ नहीं ला सकते ।
इमरान खान यहां भी मौलाना तारिक जमील को बुलाना नहीं भूले जो रो-रोकर पाकिस्तान के लिए और खासकर इमरान खान के लिए दुआ मांगा करता है ।
पीएमएनएल के नेता राणा सनाउल्ला ने इमरान के इस प्रयास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि मुलक के पांच छह बड़े लोगों को बुला लेते इससे ज्यादा रकम इकट्ठी हो जाती। उन्होंने यहां तक कह दिया इस देश को अब दुआ ही बचा सकती है। एक और विपक्ष के नेता चौधरी शुजात ने कहा कि इमरान खान के आने के बाद ना देश में सिर्फ टैक्स कलेक्सन में कमी हुई है, बल्कि पूरी दुनिया में इमरान व पाकिस्तान के प्रति भरोसा कम हुआ है और इसी कारण इतनी कम सहायता मिली है।